शनिवार, 20 अगस्त 2022

श्री गणेश आरती (हिन्दी) By वनिता कासनियां पंजाब जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी।माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥(माथे पर सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी)पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।(हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा)लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥अँधे को आँख देत कोढ़िन को काया।बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥(दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी )(कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी॥)जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

श्री गणेश आरती (हिन्दी)

By वनिता कासनियां पंजाब


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी।
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥
(माथे पर सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी)

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
(हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा)
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अँधे को आँख देत कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥

'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
(दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी )
(कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी॥)

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

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